फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है in Hindi | Future Trading In Hindi 

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Future Trading In Hindi

शेयर मार्केट में फ्यूचर ट्रेडिंग काफी महत्वपूर्ण हैं काफी सारे लोग फ्यूचर ट्रेडिंग करते हैं लेकिन काफी सारे लोगो को लॉस का सामना पड़ता हैं क्युकी  उन्हे  फ्यूचर ट्रेडिंग सही  जानकारी नही होती आज हम इस लेख में फ्यूचर ट्रेडिंग के बारे में विस्तार से जाने वाले हैं।

 हम इस लेख में जाने गे 

  • फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है? 
  • फ्यूचर ट्रेडिंग के प्रकार क्या हैं?
  • फ्यूचर ट्रेडिंग कैसे काम करती है?
  • फ्यूचर ट्रेडिंग में फायदा और नुकसान क्या हैं 
  • फ्यूचर ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?
  • फ्यूचर ट्रेडिंग कैसे सीखे?
  • फ्यूचर ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाए?

और भी काफी सारे जैसे कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू और टैक्स के बारे में विस्तार से जाने गे 

तो चलिए जानते हैं : 

फ्यूचर ट्रेडिंग क्या है? (What is future trading)

फ्यूचर ट्रेडिंग डेरिवेटिव होता हैं फ्यूचर ट्रेडिंग में हम स्टॉक नही खरीद सकते हैं फ्यूचर ट्रेडिंग में सबसे पहले हमे कॉन्ट्रैक्ट बाय करना पड़ता है जिस कॉन्ट्रैक्ट की वैल्यू प्रटिकल डेरिवेटिव के बराबर होती हैं ऐसे में अगर मान लीजिए एसेट्स की वैल्यू बढ जाति हैं तो इसे कॉन्ट्रैक्ट की वैल्यू भी बढ जाती हैं

Exempla :  टाटा पॉवर कंपनी हैं जिस पर आप भी रिसर्च करते हो और आपका दोस्त भी रिसर्च करता है रिसर्च करने के बाद आपको लगता है कि इस स्टॉक की प्राइस बढ़ेगी और आपके दोस्त को लगता है कि स्टॉक की प्राइस गिरेगी तो इस केस में आपका दोस्त आपके साथ एक कॉन्ट्रैक्ट क्रिएट करता हैं इसमें जो एसेट्स है वह टाटा पावर और आप उस कॉन्ट्रैक्ट को Buy करते हैं और लास्ट में उस कॉन्ट्रैक्ट को अपने दोस्त को बेच देंगे 

मान लीजिए अपने ₹1000 रूपए में उस कॉन्ट्रैक्ट को Buy कर लिया और इस में जो एसेट्स हैं टाटा पॉवर उसकी प्राइस बढ गई तो इस कॉन्ट्रैक्ट की प्राइस भी बढ़ेगी मान लीजिए इस कॉन्ट्रैक्ट की प्राइस बढ़कर ₹1500 रुपए हो गए तो ऐसे में अपको 50% रिटर्न मिलेंगे और इस केस में आप इस कॉन्ट्रैक्ट को फिर से अपने दोस्त को 1500 रुपए में बेच देंगे जो की अपने ₹1000 रुपए में खरीदा था और अपके दोस्त को वह 1500 रुपए में खरीद ना पड़ेगा 

ऐसे में आपको 50% का प्रॉफिट होगा और आपके दोस्त को 50% का लॉस होगा क्योंकि उसने ₹1000 हजार रुपए में बेच दिया था और बाद में 1500 रुपए में खरीदा तो उसको 500 रुपए का लॉस हो गया 

फ्यूचर ट्रेडिंग एक जीरो सम गेम जिस में एक को प्रॉफिट होते हैं तो दूसरे को लॉस होता है।

फ्यूचर ट्रेडिंग के प्रकार क्या हैं?  (Types of futures trading)

फ्यूचर ट्रेडिंग में काफी प्रकार हैं जैसे Commodity futures, Currency futures, Index futures, Stock futures और Interest rate futures इतनी तरह की फ्यूचर ट्रेडिंग होती हैं।

फ्यूचर ट्रेडिंग कैसे काम करती है? (How to work future trading)

स्विंग ट्रेडिंग इन तरीकेसे काम करती हैं 

  • Current month Contract 
  • Near month Contract
  • For month Contract 

 फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट जिस महीने का होता हैं उस महीने के लास्ट थर्सडे को समाप्त हो जाता है 

उदा : SBI Bank के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की बात करे तो हम इस के तीन महिने के कॉन्ट्रैक्ट Buy कर सकते हैं।

पहला करेंट मंथ कॉन्ट्रैक्ट यानी अभी जुन का महीना है जून महीने का फ्यूचर

दुसरा नियर मंथ कॉन्ट्रैक्ट यानी अगले महीने का कॉन्ट्रैक्ट मई महीने का कॉन्ट्रैक्ट

तीसरा फॉर मंथ का कॉन्ट्रैक्ट मतलब अगले से अगले महीने कॉन्ट्रैक्ट यानी जुलाई महीने का कॉन्ट्रैक्ट 

और सबसे महत्व पूर्ण बात जो आपको पता होना चाहिए की फ्यूचर ट्रेडिंग में हमे पूरे Lot को खरीद ना होता हैं और किसी भी लॉट की साइज अलग-अलग हो सकती हैं 

Example : SBI बैंक के एक लॉट की साइज 200 शेयर हैं तो वही Tata Motors के एक लॉट की साइज 500 शेयर हैं 

मतलब SBI का एक लॉट खरीदा तो उस में हमे 200 शेयर मिलेंगे और दुसरा Tata Motors एक लॉट खरीदा तो हमे उसमे 500 शेयर मिलेंगे 

फ्यूचर ट्रेडिंग में कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू क्या होती है?

किसी भी कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू निकालने केलिए आप  इस फार्मूले का इस्तेमाल कर सकते हैं।

Contract Value = Lot size × Future Price 

Exempla : जैसे SBI बैंक के मार्च के महीने के फ्यूचर के एक लॉट की प्राइस आज 2000 हजार रुपए हैं और एक लॉट में 500 शेयर होते हैं तो इस तरह SBI बैंक एक कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू = 2000 ×500=1,000,000 

इस तरह हम किसी भी कॉन्ट्रैक्ट की वैल्यू निकाल सकते हैं।

फ्यूचर ट्रेडिंग में कितना टैक्स लगता है? 

फ्यूचर ट्रेडिंग और ऑप्शन ट्रेडिंग में जो इनकम होती है उसे बिजनेस कंसीडर करा जाता है जब अपको इनकम होती है तो पूरे इनकम को मर्ज करके से सालाब्रेट के अकॉर्डिंग टैक्स लगता है।

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फ्यूचर ट्रेडिंग का क्या फायदा है?

तो चलिए फ्यूचर ट्रेडिंग के फायदे की बात करते हैं 

फ्यूचर ट्रेडिंग में सबसे पहला फायदा यह है जिसे बहुत सारे लोग  फ्यूचर ट्रेनिंग करना प्रेफर करते हैं वह हैं (Hedging) हेजिंग एक रिस्क मैनेजमेंट का तरीका है जिसमे अगर हमने किसी पर्टिकुलर स्टॉक को खरीद के रखा हैं तो हम उसे रिलेटेड कॉन्ट्रैक्ट जो की डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट हैं उसे सेल कर देते है ऐसे में स्टॉक की प्राइस बढ़ जाती है तो हमे इस पर्टिकुलर स्टॉक में प्रॉफिट होगा लेकिन जो कॉन्ट्रैक्ट हमने सेल किया हैं वह पर हमे लॉस होगा लेकिन हमे ना तो कोई ज्यादा लॉस होगा ना तो कोई ज्यादा प्रॉफिट होगा तो हमारा रिस्क मेंटेन रहेगा 

 दुसरा लोग फ्यूचर ट्रेडिंग इसी लिए करते हैं जिसे लोग अपने पोर्टफोलियो को Diversify करना चाहते हैं तो फ्यूचर ट्रेडिंग में बहुत सारे कॉन्ट्रैक्ट क्रिएट होते हैं बहुत डिफरेंट-डिफरेंट टाइप के कॉन्ट्रैक्ट है जैसे आप एक पर्टिकुलर स्टॉक में कॉन्ट्रैक्ट क्रिएट कर सकते हैं, इंडेक्स में कॉन्ट्रैक्ट क्रिएट कर सकते हैं और करेंसी में कॉन्ट्रैक्ट क्रिएट कर सकते हैं।

(Highly Liquid) तीसरा फ्यूचर ट्रेडिंग कॉन्ट्रैक्ट बहुत लिक्विड होते हैं तो इन्हे Buy और Sale करने में प्रॉब्लम नहीं आती हैं।

चौथा फ्यूचर ट्रेडिंग मार्केट की ग्लोबल मार्केट में एक्सेस  होती हैं क्युकी यह पूरे दुनिया में ऑपरेट होते हैं।

अपने SGX Nifty का नाम तो सुना होगा यानी Singapur Nifty जिस का नाम चेंज होकर Gift Nifty हो चूका हैं वह भी एक फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट हैं।

फ्यूचर ट्रेडिंग कैसे सीखे? (How to learn futures trading)

फ्यूचर ट्रेडिंग सीखने केलिए आप Youtube की साय था ले सकते हैं अपको जो फोर्स में मिलता हैं उसे अच्छी जानकारी YouTube पर उपलब्ध हैं लेकिन फिर भी आप फ्यूचर ट्रेडिंग कोर्स करना चाहते हैं तो कर सकते हैं आप फ्यूचर ट्रेडिंग पर लिखे बुक को पढ सकते हैं। फ्यूचर ट्रेडिंग सीखने के साथा डेली प्रैक्टिस भी कर ते रहे ताकी आप फ्यूचर ट्रेडिंग के मास्टर बन सके 

फ्यूचर ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाए?

 मान लीजिए आज Bank Nifty 100 रुपए पर ट्रेड कर रहा है और जिसके लॉट साइज 25 रुपए हैं 

जिस की वैल्यू 

Contract Value = 100 × 25 = 2,500

लेकिन आपको पता होगा फ्यूचर ट्रेडिंग में मार्जिन मिलता हैं तो यह आपको पूरे 2,500 रुपए नही देने होंगे आप आराम से उस कॉन्ट्रैक्ट को 100, 200 या 300 ख़रीद सकते है 

Exempla : मान लीजिए अपने पूरे  कॉन्ट्रैक्ट को 100 रुपए में खरीद लिया क्योंकि आपको मार्जिन मिला है 

फाइनल फ्रॉफिट या लॉस क्लोजिंग ट्रेड वैल्यू पर डिपेंट करेगा 

मान लीजिए bank nifty की वैल्यू 100 रुपए से बढ कर 150 रुपए हो गई तो अपके पास 25 क्वांटिटी है तो इस केस में अपको 1250 रुपए का प्रॉफिट होगा क्योंकि एक क्वांटिटी में आपको ₹50 का प्रॉफिट हो रहा है।

अगर मान लीजिए Bank Nifty की प्राइस 100 रुपए से घट कर 80 रुपए पर आ जाति हैं यानी 20 रुपए घट ज्याति हैं तो यहां पर आपको ₹500 का लॉस होगा क्योंकि आपके पास 25 क्वांटिटी है।

यानी आप फ्यूचर ट्रेडिंग से पैसे कमाना चाहते हैं तो इस केलिए अपको एक कॉन्ट्रैक्ट Buy करना होता हैं उस कॉन्ट्रैक्ट कोई भी एक साइज होती हैं स्विंग ट्रेडिंग में कॉन्ट्रैक्ट खरीद ने जेलीए मार्जिन मिलता हैं तो आप सस्ते में कॉन्ट्रैक्ट खरीद सकते हैं और उस के बाद प्रटिकल उस एसेट्स के प्राइस में थोडी बहुत चेंज आता हैं तो आपको बहुत ज्यादा प्रॉफिट या लॉस हो सकता हैं।

फ्यूचर ट्रेडिंग कैसे शुरू करें? (How to start futures trading)

अगर आप फ्यूचर ट्रेडिंग की शुरवात करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपना ट्रेडिंग प्लान बनाना होगा जिसमें आप किस तरी केसे रिक्स मेनेजमेंट करेंगे, कोन-कोन सी स्ट्रेटजी आप अप्लाई करेंगे, अपके ट्रेडिंग गोल क्या होंगे और आप कोंसे मार्केट में ट्रेंड करेंगे यह सब कुच पहले ही फ्रेम कर दीजिए ट्रेडिंग प्लान बनाने के बाद आब अपने ट्रेडिंग प्लान के हिसाब से अपनी नॉलेज को इंक्रीस करना हैं 

इस के साथ ही आपको रिस्क टॉलरेंस पता होना चाहिए यानी आप ज्यादा रिस्क नही लेना चाहते तो आप के लीए फ्यूचर ट्रेडिंग नही हैं। क्युकी में नहीं चाहता की अपको लॉस हो 

इस के बाद अपके पास एक अच्छा डिमैट अकाउंट होना चाहिए डिमैट अकाउंट खोलने के बाद जब अपको ऑप्शन ट्रेडिंग या फ्यूचर ट्रेडिंग करना चाहते है इस केलिए अपको सेगमेंट Activate करना होता है जो की फ्यूचर ट्रेडिंग का हैं उसके बाद ही आप फ्यूचर ट्रेडिंग कर सकते हैं। तो इस तरीके से आप फ्यूचर ट्रेडिंग की शुरवात कर कर सकते हैं।

F.A.Q 

Q. फ्यूचर्स ट्रेडिंग के लिए कितनी पैसे की आवश्यकता होती है?

Ans : फ्यूचर्स ट्रेडिंग में ऐसा कई नही लिखा की अपके पास इतना पैसा हो तबी आप फ्यूचर ट्रेडिंग कर सकते हैं ऐसा नही हैं लेकिन फिर भी अपके पास 50,000 इतनी पैसे होनी चाहिए अगर कई लॉस हो तो बाद में बाकी पैसे का उपयोग करके उस लॉस को रिकवर कर सकते हैं। 

Q. भारत में फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे शुरू करें?

Ans : भारत में फ्यूचर्स ट्रेडिंग शुरु करने केलिए आपके पास एक डिमैट अकाउंट होना चाहिए फ्यूचर ट्रेडिंग शुरु करने केलिए सेगमेंट Activate करे और फिर फ्यूचर ट्रेडिंग की शुरवात करे…

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