दोस्तो स्टॉक मार्केट इन्वेस्टिंग में हमें प्रॉफिट तभी होता है जब हमने जिस कंपनी में इन्वेस्ट किया है वह लॉन्ग टर्म में अच्छा परफॉर्म करें जिससे उसकी शेयर प्राइस भी लॉन्ग टर्म में बढ़े और हमे प्रॉफिट हो यानी की इन्वेस्टिंग में हमें प्रॉफिट कंपनी के बिजनेस ग्रोथ की वजह से होता है पर हम नहीं हो जाना की कंपनी शेयर प्राइस Short Term में कई वजह से बहुत तेजी से ऊपर नीचे जा सकती हैं और ऐसे में कोई शेयर को कम प्राइस में बाय करके हाई प्राइस पर सेल कर दे तो उसमें भी प्रॉफिट होगा और इसी को ट्रेडिंग कहते हैं
ट्रेडिंग करने वाले लोगों को स्टॉक ट्रेडर्स या ट्रेडर्स कहा जाता है ट्रेडिंग करने का मतलब होता है कि हम सिर्फ शेयर प्राइस मूवमेंट से प्रॉफिट बनाना चाहा रहे हैं और इसमें हमें बिल्कुल फर्क नहीं पड़ता कि कंपनी अच्छी है बुरी फाइनेंशली स्ट्रांग है या वीक क्योंकि हम इसमें सिर्फ शेयर प्राइस मोमेंट देखते हैं और हमें लगता है कि किसी कंपनी की शेयर प्राइस बढ़ सकती है तो हम उसे बाय कर लेते हैं और उसे की प्राइस सही में बढ़ जाते हैं तो हम उसे हाई प्राइस पर सेल करके प्रॉफिट बनाते हैं
Trading Basic Philosophy
ट्रेडिंग की बेसिक फिलिपॉलजी होते हैं कि हर कंपनी की शेयर प्राइस एक पैटर्न में चलती है जिसे उसके मूवमेंट का अंदाजा लगाया जा सकता है और उसके सबसे शेयर बाय सेल करके प्रॉफिट बनाया जा सकता है
ट्रेडर्स शेयर प्राइस पैटर्न को समझने के लिए अक्सर शेयर प्राइस चार्ट और उसके वॉल्यूम का एनालिसिस करते हैं एक कंपनी की वॉल्यूम का मतलब होता है कि एक दिन में उस शेयर की कितनी बाइंग और सेलिंग हुई है
हमने देखा था है हमने देखा था कि इन्वेस्टिंग में जब हम एक कंपनी के बिजनेस के बारे में सब कुछ डिटेल में एनालिसिस करते हैं तो उसे हम फंडामेंटल एनालिसिस कहते हैं वही जब ट्रेडिंग में ट्रेडर्स कंपनी के शेयर प्राइस पैटर्न और उसके वॉल्यूम से उसके शेयर प्राइस मोमेंट का अंदाजा लगाते हैं और उसे हम टेक्निकल एनालिसिस कहते हैं
यानी कि इन्वेस्टिंग में इन्वेस्टर्स फंडामेंटल एनालिसिस का यूज करते हैं और ट्रेडिंग में एड्रेस टेक्निकल एनालिसिस का इस्तेमाल करते हैं इन्वेस्टिंग में इन्वेस्टर्स कंपनी के ग्रोथ की वजह से प्रॉफिट बनाने की कोशिश करते हैं और ट्रेडिंग में ट्रेडर्स सिर्फ कंपनी की शेयर प्राइस चेंज से प्रॉफिट बनाने की कोशिश करते हैं
ट्रेडिंग तीन तरह की होती है
ट्रेडिंग मेनली तीन तरह की होती है Intraday, Swing और scalping इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर्स शेर की बाइंग और सेलिंग दोनों एक ही दिन में करते हैं जिससे उन्हें अपने ट्रेड में प्रॉफिट और लॉस उसी दिन हो जाता है
वही स्विंग ट्रेडिंग में ट्रेडर्स शेयर को बाय और सेल करने के लिए मिनिमम 1 दिन से लेकर कुछ हफ्तों का टाइम लेते हैं वही scalpin ट्रेडिंग में ट्रेडर्स कुछ मिनट या कुच शेखंड भाई और सेल करके अपना ट्रेड कंप्लीट कर लेते हैं
ट्रेडिंग में सिर्फ शेयर प्राइस मोमेंट पर ही ध्यान दिया जाता है और अगर हम जैसा सोच रहे हैं वैसे ही प्राइस मोमेंट हुआ तो हमें प्रॉफिट होता है और शेयर प्राइस हमारे सोच से उल्टी हो गई तो हमें लॉस भी हो सकता है इसलिए ट्रेडिंग में काफी ज्यादा रिस्क होता है और सभी सफल इन्वेस्टर सलाह देते हैं कि स्टॉक मार्केट में नए लोगों को ट्रेडिंग बिल्कुल नहीं करनी चाहिए
ट्रेडिंग आमतौर से स्टॉक , डेरिवेटिव और कमोडिटीज में होती हैं स्टॉक में कंपनी के शेयर्स आते हैं वही डेरिवेटिव एक तरह के कांटेक्ट होते हैं जो कंपनी के शेयर पर या किसी स्टॉक मार्केट इंडेक्स पर बसे होते हैं और इसमें मेनली फ्यूचर और ऑप्शंस आते हैं और कमोडिटीज में क्रूड ऑयल, गोल्ड और सिल्वर यह सारी चीज आती है
ट्रेडिंग शॉर्ट टर्म में होता है और इसमें सबसे बड़ा रिस्क होता है कि कंपनी की शेयर प्राइस ऊपर नीचे कहीं भी जा सकते हैं इस वजह से ट्रेडिंग करना बेहद रिस्की होता है और इसमें हमें बहुत जल्दी बहुत बड़ा लॉस हो सकता है
ज्यादातर सक्सेसफुल इन्वेस्टर ने ट्रेडिंग से नहीं बल्कि लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग से ही पैसे बनाए हैं इसलिए सफल इन्वेस्टर जैसे वारेन बुफेट, चार्ली मुंगेर, रामदेव अग्रवाल, हावर्ड मार्क और विजय केडिया यह सब ट्रेडिंग नहीं करने की सलाह देते हैं और शुरू से ही लॉन्ग टर्म यूनिवर्सिटी सीखने की सलाह देते हैं
हमने देखा कि कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करके इन्वेस्टिंग किया जाता है और टेक्निकल एनालिसिस करके ट्रेडिंग किया जाता है पर स्टॉक मार्केट में कुछ लोग ऐसे भी है जो दोनों नहीं करते और उन्हें लॉन्ग टर्म में सिर्फ लॉस ही होता है इसी लिए इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग करने से पहले फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस करना जरूरी है
FAQ
Q. Investing VS Trading क्या करे?
Ans : ट्रेडिंग शॉर्ट टर्म में होता है और इसमें सबसे बड़ा रक्सी होता है कि कंपनी की शेयर प्राइस ऊपर नीचे कहीं भी जा सकते हैं इस वजह से ट्रेनिंग करना बेहद रिस्की होता है और सक्सेसफुल इन्वेस्टर ट्रेडिंग से नहीं बल्कि लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग से ही पैसे बनाए हैं
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मेरा नाम अनिल झुगरे है में stockmarketshindi.in वेबसाईट का Founder हूं। यह पर मैं अपने पाठकों के लिए शेयर मार्केट से संबंधित जानकारी नियमित रूप से देता रहता हूं 💖