शॉर्ट सेलिंग क्या होती हैं | Short Selling Kya Hota hai

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Short Selling Kya Hota hai

जब 2008 के स्टॉक मार्केट क्रैश में एक तरफ सारे इन्वेस्टर को भारी लॉस हो रहा था तो तभी Kyle Bass नाम के ट्रेडर ने करीब 20000 हज़ार करोड रुपए बनाए थे ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि Kyle Bass शॉर्ट सेलिंग कि थी अब सवाल है कि शॉर्ट सेलिंग क्या होती है? Short Selling Kya Hota hai

शॉर्ट सेलिंग क्या होती हैं (What is short Selling)

What is short Selling

जनरल स्टॉक मार्केट में हम पहले शेयर बाय करते हैं और फिर उसकी प्राइस बढ़ जाती है तो उसे सेल करके प्रॉफिट कमाते हैं पर शॉर्ट सेलिंग में पहले हम शेयर को सेल करते हैं और जब उसकी प्राइस कम हो जाती है और उसे बाय करके प्रॉफिट कमाते हैं इसी शेयर की शॉर्ट सेलिंग तभी की जाती है जब हमें लगता है कि उस शेयर की प्राइस बहुत जल्द नीचे जाने वाली हैं 

इस Example से समझते हैं : मान लेते हैं Infosys के एक शेयर की प्राइस ₹100 है और हमें लगता है कि इन्फोसिस शेयर की प्राइस नीचे जाने वाली हैं ऐसे में क्लियर है कि हम प्रॉफिट के लिए इन्फोसिस के शेयर को तो बाय नहीं करना तो फिर हम क्या करेंगे की इन्फोसिस की शेयर प्राइस नीचे जाने से हमें प्रॉफिट हो 

ऐसे में हम यह करेंगे की अपने ब्रोकर के प्लेटफार्म पर जाकर इन्फोसिस के शेयर को सेल कर देंगे हम शेयर को बिना ऑन किए भी सेल कर सकते हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ब्रोकर हमें शेयर उधार दे देते हैं पर हमे उधार दिए शेयर को वापस बाय करके एक फिक्स टाइम के अंदर अपने ब्रोकर को लौटाना भी होते हैं 

यह मानते हुए की इन्फोसिस की शेयर प्राइस नीचे जाएगी हमने इंफोसिस के 1000 शेर को अपने ब्रोकर से उधर लेकर सेल कर दिया और क्योंकि इंफोसिस के एक शेयर की प्राइस है ₹100 तो इस लिए हमने 100 × 1000 = 1 लाख रुपए की सेलिंग की और मान ले और मान लेते हैं कि इन्फोसिस की शेयर प्राइस 100 से नीचे जाकर ₹90 रुपए आ गए और फिर हमने इन्फोसिस वही 1000 हजार शेयर ₹90 प्राइस पर बाय कर लिया जिसमें हमने टोटल 1000 × 90 = 90 हजार लगाए

 हमने 1000 शेयर उधार लेकर 100 रुपए रेट से सेल किया और फिर वही 1000 शेयर हमने ₹90 रुपए के रेट पर बाय करके वापस कर दिया तो ऐसा करने से हमे हर शेयर पर 10 रुपए का प्रॉफिट हुवा और क्योंकि हमने 1000 शेयर शॉर्ट सेल किए थे इस लिए हमें टोटल 1000 × 10 = 10 हजार रूपए का प्रॉफिट हुवा 

शॉर्ट सेलिंग यही होती है जब हम किसी चीज को है प्राइस पर सेल करके लो प्राइस पर बाय करते हैं और सेल और बाइक प्राइस का डिफरेंस ही हमारा प्रॉफिट होता है यह ध्यान रखें की जनरली शॉर्ट सेलिंग इंट्राडे में ही होती है और थोड़ी लंबी शॉर्ट सेलिंग हम डेरिवेटिव में ही कर सकते हैं पर लॉन्ग टर्म बसेस पर शॉर्ट सेलिंग नही होती

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शॉर्ट सेलिंग करना फायदेमंद होता है (Is Short Selling Always Profitable )

क्या शॉर्ट सेलिंग करना फायदेमंद होता है इसका जवाब है बिल्कुल ही नहीं और ज्यादा शॉर्ट सेलिंग करना आपके वेल्थ के लिए काफी डेंजरस हो सकता है 

इस Example से समझते हैं : मान लेते हमने इन्फोसिस के शेयर को ₹100 पर सेल किया और शेयर की प्राइस 10% नीचे आने की बजाए 10% ऊपर चले जाए तो हमने वही 1000 हजार शेयर जब हमने ₹100 पर सेल किए थे उसे हमे ₹110 प्राइस पर बाय करके अपने ब्रोकर को लौटाना होगा और  इसमें हमें हर शेयर पर ₹10 रुपए का लॉस होगा पर टोटल 1000 शेयर पर ₹10000 का लॉस होगा और शेयर की प्राइस ₹110 रुपए बढने की बजाए 120 रुपए चले जाए तो हमें हर शेयर पर ₹20 रुपए का लॉस होगा और टोटल 1000 शेयर पर ₹20000 रुपए का लॉस होगा इसी तरह शॉर्ट सेलिंग में शेयर प्राइस सेल प्राइस से बढ़ती जाएगी 

हमें ज्यादा से ज्यादा लॉस होता जाएगा क्योंकि हमें शॉर्ट सेल किए हुए शेयर को बाय करके वापस ब्रोकर को देना होता है और हमारी मजबूरी होती हैं की शॉर्ट सेल करने के बाद शेयर की जो भी प्राइस चल रही होती है हमें उसी प्राइस पर शेयर बाय करना होता है

 जब हम शेर को बाय करते हैं तो मैक्सिमम अपनी इन्वेस्टमेंट का 100% यूज कर सकते हैं पर हमारा प्रॉफिट पोटेंशियल अनलिमिटेड होता है पर जब हम शेयर की शर्ट सेटिंग करते हैं तो हमारा प्रॉफिट मैक्सिमम 100% प्रतिशत हो सकता है और हमारा लॉस और हमारा लॉस पोटेंशियल अनलिमिटेड होता हैं

Example : अगर हम इंफोसिस के अक्षर को ₹100 में बाय करें तो हमें मैक्सिमम लॉस ₹100 का ही हो सकता है जब इंपोज के शेयर की प्राइस जरूर हो जाए और जब इंफोसिस की शेयर के पास उससे ऊपर जाएगी तब हमें प्रॉफिट होगा शेयर की प्राइस ₹100, ₹200, ₹300, ₹400, ₹500 और ₹5000 हजार कितनी भी ज्या सकती हैं

 इसलिए  हमारा प्रॉफिट अनलिमिटेड हो सकता है पर हम इंफोसिस  एक शेयर ₹100 पर शर्ट सेल करते हैं तब हमें प्रॉफिट तब होगा जब शेयर की प्राइस ₹100 से कम होगी और ₹100 से ज्यादा से ज्यादा कम होकर जीरो तक जा सकती हैं और ऐसे में हमें मैक्सिमम प्रॉफिट ₹100 का ही हो सकता है जब इंफोसिस की शेयर की प्राइस जीरो हो जाए और पर दोस्तों जैसे ही इंपोज की शेयर की प्राइस ऊपर जाएगी हमें लॉस होने लगेगा 

शेयर की प्राइस ₹100, ₹110, ₹150, ₹200, और ₹500 कितनी भी ज्या हो सकती हैं और इसलिए हमें शॉर्ट सेलिंग में बहुत बड़ा लॉस हो सकता है इसलिए शॉर्ट सेलिंग बहुत ध्यान से और समझ कर करनी चाहिए क्योंकि आप सही हुए तब अच्छा प्रॉफिट कमा सकते हैं पर हम गलत हुए अपना लॉस कितना भी बड़ा हो सकता है और इसी वजह से शॉर्ट सेलिंग Intraday ट्रेडिंग और Derivatives में होती है हम लॉन्ग टाइम में शार्ट सेलिंग नहीं कर सकते हैं

FAQ

Q. शॉर्ट सेलिंग क्या होती हैं ?

Ans : शॉर्ट सेलिंग में पहले हम शेयर को सेल करते हैं और जब उसकी प्राइस कम हो जाती है और उसे बाय करके प्रॉफिट कमाते हैं

Q. शॉर्ट सेलिंग करना फायदेमंद होता है? 

Ans : शॉर्ट सेलिंग करना बिल्कुल ही फायदेमंद नही होता शॉर्ट सेलिंग करना आपके वेल्थ के लिए काफी डेंजरस हो सकता है 

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