दोस्तो अगर आप स्टॉक मार्केट में नए हो और अपको नही पता की शेयर प्राइस कैसे बदलती हैं तो आज हम इस पोस्ट में शेयर प्राइस कैसे बदलती हैं इस के बारे में विस्तार से बात करने वाले हैं तो इस पोस्ट को पूरा जरुर पढ़िए गा
दोस्तो हमने देखा की लॉन्ग टर्म में एक कंपनी जब अपने प्रॉफिट को तेजी से बढ़ती है तो इन्वेस्टर उस कंपनी के शेयर को बाय करने के लिए ज्यादा पैसे देने के लिए तैयार होते हैं जिस कंपनी के शेयर प्राइस बढ़ती है इस बात को हम कंपनी के दो चीजो से समझ सकते है पहले है Earning Per Share (EPS) और Price to earning Ratio ( PE Ratio )
Earning Per Share
अर्निंग पर शेयर का मतलब होता हैं की एक कंपनी अपने हर शेयर पर साल में कितने रुपए का नेट प्रॉफिट बना रही है अर्निंग पर शेयर फॉर्मूला
नेट प्रॉफिट का मतलब होता हैं की कंपनी ने एक फिक्स टाइम में कितने रुपए का प्रॉफिट बनाया हैं और नंबर ऑफ शेयर आउटस्टैंडिंग का मतलब होता हैं एक कंपनी के टोटल कितने शेयर इन्वेस्टर के पास है अगर एक कंपनी का नेट प्रॉफिट 100 करोड रुपए है और उसके नंबर ऑफ शेयर आउटस्टैंडिंग 20 करोड हैं तो कंपनी का EPS हो जाएगा EPS = 100 Cr / 20 Cr = 5 Rs
PE Ratio
वही किसी कंपनी का PE Ratio यह बताता हैं की इन्वेस्टर्स आज उस कंपनी का बना ₹1 रुपए के प्रॉफिट के लिए कितने रुपए देने के लिए तैयार है और इससे कैलकुलेट करने का फार्मूला होता है
जैसे अगर एक कंपनी का शेयर प्राइस 75 रुपए हो और उसकी अर्निंग पर शेयर 5 रुपए हो तो उस कंपनी का PE Ratio हो जाएगा PE Ratio = 75 Rs / 5 Rs = 15 इस का मतलब यह हुवा की इन्वेस्टर्स आज इस कंपनी के बनाए 1 रुपए प्रॉफिट के लिए 15 रुपए देने को तयार हैं
और जब एक कंपनी अपना EPS साल दर साल बढ़ाती जाती हैं तो इन्वेस्टर्स उस कंपनी के शेयर को ज्यादा से ज्यादा रुपए देकर Buy करने लगते हैं जिसे कंपनी की शेयर प्राइस ते जिसे बढ़ती हैं और फिर इस वजेसे कंपनी का PE Ratio बढ़ता जाता हैं और इसे PE एक्सपेंशन कहा जाता हैं
अन्य पढ़े 👉 Stock market Crash में क्या करे
शेयर प्राइस लॉन्ग टर्म में कैसे बढ़ती है?
EPS और PE Ratio को जाने के बाद अब हम वह एक्सपेंशन जान सकते हैं जो हमे यह बताता हैं की एक कंपनी की शेयर प्राइस लॉन्ग टर्म में कैसे बढ़ती हैं और वह एक्सपेंशन Share Price = EPS × PE Ratio इन कंपनी का शेयर प्राइस उनके EPS और PE रेशों का प्रोडक्ट होता है और जैसे एक कंपनी का EPS या PE रेशों बढ़ता हैं वैसे ही कंपनी का शेयर प्राइस बढ़ता हैं
Example : मान लेते हैं की हमने एक कंपनी AB लिमिटेड में इन्वेस्ट किया हैं जिसका EPS 5 रुपए और PE रेशों 10 रुपए हैं इस तरह अभी AB लिमिटेड का शेयर प्राइज होगा शेयर प्राइस = 5 Rs × 10 Rs = 50 Rs रुपए
अब अगर तीन साल के बाद AB लिमिटेड का EPS 10 रुपए और PE रेशों 12 रुपए हो जाए तो AB लिमिटेड का शेयर प्राइस हो जाएगा शेयर प्राइस 10 Rs × 12 Rs = 120 रुपए
और अगर 5 साल के बाद AB लिमिटेड का EPS 15 रुपए और PE रेशों 15 हो जाए तो कंपनी का शेयर प्राइस हो जाएगा 15 Rs × 15 Rs = 225 रुपए
अब अगर 10 साल के बाद AB लिमिटेड का EPS 25 रुपए और PE रेशों 25 हो जाए तो AB लिमिटेड का शेयर प्राइस हो जाएगा 25 Rs × 25 Rs = 625 रुपए दोस्तो एक अच्छी कंपनी की शेयर प्राइस इसी तरह बढ़ती है
कंपनी अपने बिजनेस में अच्छे डीसीजन लेकर अपना नेट प्रॉफिट बढ़ाती जाति हैं जिसे कंपनी का EPS बढ़ता जाता हैं और फिर इन्वेस्टर्स ऐसे कंपनी के लिए ज्यादा पैसे देने के लिए तैयार होते हैं जिसे कंपनी का PE रेशों भी बढ़ता जाता है और दोनों से बढ़ने से कंपनी का शेयर प्राइस भी बढ़ती है
दोस्तो हमने जो उपर एक्वेशन देखा वह हमे यह बताता लॉन्ग टर्म में हमने एक कंपनी में बड़ा रिटर्न कैसे बना सकते हैं और इसी वजह Share Price = EPS × PE Ratio इस एक्वेशन या फार्मूला को स्टॉक मार्केट में हाई रिटर्न बनाने का फार्मूला भी कहा जाता है
हम उपर दिए फॉर्मूले पर ध्यान दे तो हम यह देख सकते हैं की अगर EPS और PE रेशों में से एक चीज भी बढ़ती हैं तो तो भी शेयर प्राइस बढ़ जाएगी पर अमतोर पर एक कंपनी का EPS और PE रेशों डोन टाइम के साठ बदले रहते हैं और इस लिए शेयर प्राइस पर दोनो का इफेक्ट पड़ता हैं
FAQ
Q. शेयर प्राइस कैसे बदलती हैं?
Ans : शेयर का EPS और PE रेशों बदलता है तो कंपनी की शेयर प्राइस भी बदलती हैं
Q. शेयर प्राइस बदलने का फॉर्मूले
Ans : Share Price = EPS × PE Ratio
अन्य पढ़े 👉
मेरा नाम अनिल झुगरे है में stockmarketshindi.in वेबसाईट का Founder हूं। यह पर मैं अपने पाठकों के लिए शेयर मार्केट से संबंधित जानकारी नियमित रूप से देता रहता हूं 💖